उत्तराखंड

पुलिस ने दो वाहन चोरों को किया गिरफ्तार, 13 दुपहिया वाहन बरामद

देहरादून। पुलिस ने दो वाहन चोरों को गिरफ्तार कर उनके कब्जे से 13 दुपहिया वाहन बरामद कर लिये। पुलिस ने मुकदमा दर्ज कर उनको न्यायालय में पेश किया जहां से उनको न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया।
प्राप्त जानकारी के अनुसार महेंद्र सिंह निवासी बड़ा भाउवाला थाना सेलाकुई के द्वारा द्वारा अपनी मोटरसाइकिल स्प्लेंडर चोरी हो जाने के सम्बंध में प्रार्थना पत्र दिया गया। पुलिस ने मुकदमा दर्ज कर जांच शुरू कर दी। वाहन चोरी की घटना की गम्भीरता के दृष्टिगत वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक, देहरादून द्वारा घटना के खुलासे एंव आरोपियों की गिरफ्तारी हेतु थाना स्तर पर पुलिस टीम गठित करते हुए आवश्यक दिशा-निर्देश दिये गये। निदेर्शाे के अनुपालन में पुलिस टीम द्वारा घटना स्थल का निरीक्षण करते हुए घटना स्थल तथा आस-पास लगे सीसीटीवी कैमरों की फुटेजों का अवलोकन किया गया, साथ ही सीसीटीवी फुटेजों से प्राप्त संदिग्धों के हुलिये की जानकारी कर उससे स्थानीय तंत्र को अवगत कराया गया। घटना में शामिल आरोेपियों के सम्बन्ध में जानकारी करने पर पश्चिमी उत्तर प्रदेश के वाहन चोर गिरोह के उक्त घटनाओं में शामिल होने की पुलिस टीम को सूचना प्राप्त हुई, जिस पर पुलिस टीम द्वारा उानके संबंध में सुरागरसी पतारसी करते हुए चोरी की घटनाओं में शामिल 02 लोगों को शोभित राज पुत्र रमेश राज निवासी ग्राम देहरा अजीतपुर, थाना पंचगामा, जनपद लखीमपुर खीरी, उत्तर प्रदेश हालः अटक फॉर्म, कैंची वाला, सेलाकुई तथा गीतम सिंह राजपूत पुत्र पति सिंह राजपूत निवासी ग्राम मंडपुरा, थाना इंदरगढ़, जिला कन्नौज, उत्तर प्रदेश को तलाशी के दौरान इण्डस्ट्रीयल एरिया सेलाकुई से चोरी की गई मोटर साइकिल के साथ गिरफ्तार किया गया। सख्ती से पूछताछ करने पर उनके द्वारा देहरादून तथा हरिद्वार में अलग-अलग स्थानों से अन्य दोपहिया वाहनों को चोरी करने की जानकारी दी गई, जिस पर पुलिस टीम द्वारा उनकी निशानदेही पर कैंचीवाला क्षेत्र में एक खाली स्थान में झाडियों से कुल 12 अन्य दो पहिया वाहन बरामद किये गए। पूछताछ में उनके द्वारा बताया गया कि वे दोनो एक ही स्कूल में पढते थे तथा अपने घूमने फिरने व अन्य महंगे शौकों को पूरा करने के लिये उनके द्वारा उक्त घटनाओं को अंजाम दिया गया था। चोरी किये गये वाहनों को उनके द्वारा शोभित राज के कैंचीवाला स्थित किराये के घर के पास एक खाली स्थान में झाडियों में छिपाकर रखा गया था। जिन्हें वह बाहरी राज्यों में ले जाकर बेचने की फिराक में थे

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